ढाका में स्क्रैप कारोबारी लाल चंद उर्फ सोहाग की भीड़ द्वारा हत्या: सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
9 जुलाई 2025 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के मिटफोर्ड अस्पताल के पास 39 वर्षीय स्क्रैप कारोबारी लाल चंद उर्फ सोहाग को भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। इस वीभत्स हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें हमलावर उनके शव को घसीटते और उस पर नाचते नजर आए।
क्या था मामला?
लाल चंद, "मेसर्स सोहाना मेटल्स" नाम से स्क्रैप का कारोबार करते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनसे हर महीने दो लाख टका की उगाही की मांग की जा रही थी। जब उन्होंने इस मांग को ठुकरा दिया, तो महमूदुल हसन मोहिन नामक व्यक्ति और उसके साथियों ने उनकी हत्या की योजना बनाई।
FIR में क्या दर्ज हुआ?
सोहाग की बहन मंजुआरा बेगम ने ढाका कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें 19 नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों पर हत्या का आरोप लगाया गया है। अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें मोहिन, तारिक रहमान रॉबिन, और टाइटन गाजी जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
राजनीतिक कनेक्शन और छात्र प्रदर्शन
इस जघन्य हत्या के बाद ढाका में छात्र सड़कों पर उतर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हत्या BNP की यूथ विंग 'जुबो दल' के सदस्यों ने की है। मामले ने तूल पकड़ लिया और बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, जहां एक वकील ने हाई-पावर्ड ज्यूडिशियल जांच की मांग की है।
सरकारी प्रतिक्रिया और कार्रवाई
बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को हिरासत में लिया है। सरकार ने इसे स्पीडी ट्रायल ट्रिब्यूनल में भेजने का फैसला किया है ताकि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।
क्या यह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का सवाल है?
इस घटना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, राजनीतिक संरक्षण, और कानून-व्यवस्था की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या लाल चंद उर्फ सोहाग को न्याय मिलेगा? क्या यह मामला सिर्फ एक कारोबारी की हत्या है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है?