BRICS करेंसी के विचार पर चर्चा हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है, खासकर जब BRICS देश (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) वैश्विक व्यापार और वित्त में अमेरिकी डॉलर की बढ़ती प्रभुत्व को चुनौती देने पर विचार कर रहे हैं।
Category : बिजनेस, Last Updated : 22 Oct 2024 05:21 AM
BRICS करेंसी के विचार पर चर्चा हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है, खासकर जब BRICS देश (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) वैश्विक व्यापार और वित्त में अमेरिकी डॉलर की बढ़ती प्रभुत्व को चुनौती देने पर विचार कर रहे हैं। ऐसे में मोदी, पुतिन और जिनपिंग जैसे नेताओं की मौजूदगी में आर्थिक सहयोग बढ़ाने और डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए संभावित चर्चा हो सकती है।
हालांकि, BRICS करेंसी बनाना एक जटिल मुद्दा है। इसके लिए BRICS देशों के बीच गहन सहयोग, आर्थिक तालमेल और राजनीतिक सहमति की आवश्यकता होगी। हर देश की अपनी आर्थिक प्राथमिकताएँ और चुनौतियाँ हैं, जिससे इस पर स्पष्ट सहमति अभी तक नहीं बनी है। अधिकतर चर्चाएँ डॉलर की जगह स्थानीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ाने और वित्तीय लेन-देन को डॉलर पर निर्भरता से मुक्त करने पर केंद्रित हैं।
हालांकि BRICS करेंसी तुरंत आने की संभावना कम है, लेकिन यह चर्चा इस ओर इशारा करती है कि वैश्विक वित्तीय शक्ति संतुलन को पश्चिम से हटाकर BRICS देशों की ओर ले जाने की इच्छा बढ़ रही है।
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