इस पर्व में भक्तजनो को मान-सम्मान में बृद्धि , धन-वैभव में वृद्धि और कष्टों को दूर करने की कृपा प्राप्त होती हैं.
Category : ताज़ातरीन, Last Updated : 06 Nov 2024 06:32 PM
इस वर्ष 2024 में यह परंपरा 7 नवंबर के दिन सूर्यास्त के बाद, में लगभग 5:49 बजे के बाद पूरी की जाएगी.छठ पूजा में कोसी भरने का एक बहोत ही विशेष और धार्मिक महत्व है. जब भक्तो के द्वारा डूबते सूर्य को अर्घ्य दिआ जाता हैं, उसके बाद ही भक्त जन अपने घरों या छत पर कोसी भरने की धार्मिक परंपरा भी निभाते हैं.
जिन भक्त जनो ने छठ पूजा के समय अपने किसी मनोकामना की पूर्ति करने के लिए कोसी भरने का रसम छठ मैया के लिए लिया है, उन सभी भक्तजनो को अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद भी कोसी अवश्य ही भरनी चाहिए. यह संकल्प विधि-विधान और धार्मिक रूप से पूरा करना आवश्यक माना गया है और इसे टालने अशुभ संकेत माना जाता है.
छठ पुजा भक्तजनो को सूर्य देवता और छठी मैया के प्रति आभार तथा उनकी कृपा व्यक्त करने का अवसर भक्तजनो को प्रदान करता है. इस पर्व में भक्तजनो को मान-सम्मान में बृद्धि , धन-वैभव में वृद्धि और कष्टों को दूर करने की कृपा प्राप्त होती हैं. जिस भी भक्तजनो के संतान नहीं होते है, उसे संतान की प्राप्ति की कामना करने से छठ पूजा में कोसी भरने का रसम जरूर लेना चाहिए. यह मान्यता है कि जो भी भक्तजन श्रद्धा पूर्वक भाव से छठी मैया की पुजा करते हैं, उन भक्तजनो को संतान प्राप्ति की इच्छा बहुत जल्द ही पूरी होती है.
मुख्य रूप से छठ पूजा का पर्व सूर्य देवता और षष्ठी देवी की भक्ति का प्रतीक माना जाता है. इस महापर्व पर्व में भक्तजन खरना, नहाय-खाय, विधि-विधान से पुजा करते है और उगते व डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ-साथ कोसी भरने की धार्मिक परंपरा का भी पालन करते हैं. यह परंपरा बहुत प्राचीन काल से ही चलती आ रही है, जिसमे भक्तजन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्राचीन काल से ही अपनाते आ रहे हैं. माना जाता है कि बहुत पहले त्रितायुग में ही सबसे पहले माता सीता ने छठ माता की पूजा की थी, और कोसी भी भरी थी, जिसके बाद से ही यह परंपरा समाज में प्रचलित हो गई.और आज भी हो रही है और आगे भी होती रहेगी।
किशोर स्वर्णकार एक लेखक और विचारक हैं। उनकी आर्टिकल्स समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं, जो पाठकों को प्रेरित और जागरूक करते हैं। किशोर राजनीतिक खबरों के साथ-साथ चुनाव, मनोरंजन और खेल की खबरों मे रुचि रखते हैं।
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